About us
The Regional Fodder Station, Hyderabad (TS) was set up in 1973 to cater fodder development in the Central Deccan Zone i.e. Telangana, Andhra Pradesh, Chattisgarh & Odisha. One of the main objects for establishing this Regional Fodder Station was to bring down the time gap between Research and extension Agencies in aspect of fodder development. This Regional Fodder Station would work as bridge between the Research and extension work. The result of research work would flow without time lag and reach to the actual users i.e. farmers. Thus a strong liaison is to be established between Research Institutes and Agricultural universities etc is one hand and the State Department of Agriculture, Animal Husbandry, Forestry, Dairy Development Board, Co-operative Dairies and other such organizations ( NGO’s) on the other hand in sphere of augmenting the feed and fodder resources of this Region
OBJECTIVES
i) To establish the nucleus of an extension organization in Central Deccan climatic
condition
for effective technology transfer on all aspects of Fodder/fodder seed production and related
disciplines.
ii) To demonstrate to the Farmers the improved Modern techniques of fodder production and
utilization and strengthen/improve the extension activities of the State authorities at the
farmer.s
field.
iii) Conducting training programme for State extension officials and farmers of the region
and
holding field days for farmers at farm and at the farmer’s field at appropriate times of the
season.
iv) Multiplication and distribution of foundation / Certified Forage Crops, Perennial
grasses
and legumes seeds.
v) The Regional Station is also conducting the farmer.s day in various spell in our farm as
well
as in the village in collaboration with State government K.V.ks and N.G.Os.
अबाउट अज़
क्षेत्रीय चारा केंद्र, हैदराबाद की स्थापना 1973 में सेंट्रल डेक्कन ज़ोन यानी आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और उड़ीसा में चारा विकास को पूरा करने के लिए की गई थी। इस क्षेत्रीय चारा केंद्र की स्थापना का एक मुख्य उद्देश्य चारा विकास के पहलू में अनुसंधान और विस्तार एजेंसियों के बीच समय के अंतर को कम करना था। यह क्षेत्रीय चारा केंद्र, अनुसंधान और विस्तार कार्य के बीच सेतु का काम करेगा। अनुसंधान कार्य का परिणाम बिना समय अंतराल के वास्तविक उपयोगकर्ताओं यानी किसानों तक पहुंचेगा। इस क्षेत्र के चारा और चारा संसाधनों को बढ़ाने हेतु एक ओर अनुसंधान संस्थानों , कृषि विश्वविद्यालयों आदि और दूसरी ओर राज्य कृषि विभाग, पशुपालन, वानिकी, डेयरी विकास बोर्ड, सहकारी डेयरी और ऐसे अन्य संगठनों (एनजीओ) के बीच एक मजबूत संपर्क स्थापित किया जाना है
उद्देश्य
i) चारा/चारा बीज उत्पादन और संबंधित विषयों के सभी पहलुओं पर प्रभावी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए मध्य दक्कन की जलवायु स्थिति में एक विस्तार संगठन का केंद्र स्थापित करना।
ii) किसानों हेतु चारा उत्पादन और उपयोग की उन्नत आधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन करना और किसान के खेत में राज्य प्राधिकरणों की विस्तार गतिविधियों को मजबूत/सुधार करना।
iii) राज्य विस्तार अधिकारियों और क्षेत्र के किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना और मौसम के उचित समय पर खेत और किसान के खेत में किसानों के लिए कृषि दिवस आयोजित करना।
iv) आधार/प्रमाणित चारा फसलों, बारहमासी घासों और फलियों के बीजों का गुणन और वितरण।
v) राज्य सरकार, के.वी.के. और एन.जी.ओ. के सहयोग से हमारे केंद्र के साथ-साथ गांव में भी विभिन्न चरणों में किसान दिवस का आयोजन करना।